Whats APPS Hindi STatus
जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..
सरकार को पाकिस्तान के आतंकवाद का जवाब देना अनिवार्य नहीं है।। लेकिन.. सेटअप बॉक्स लगाना अनिवार्य हैं..!!
शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे मित्र बनाए रखिये।
वादा हमने किया था निभाने के लिए…एक दिल दिया था एक दिल को पाने के लिए… उन्होंने मोहब्बत सिखा दी और कहा कि तुमसे प्यार किया था किसी और को जलाने के लिए….
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है, पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना.. तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता…!
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना ही जाना है !.दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है…!
वक़्त और प्यार दोनों ज़िन्दगी में ख़ास होते हैं .. वक़्त किसे का नहीं होता और प्यार हर किसी से नहीं होता।
जहाँ “अहंकार” होता है,वहाँ “ज्ञान” लुप्त हो जाता है।
रिश्ते खून के नहीं होते विश्वास के होते हैं… अगर विश्वास हो तो पराये भी अपने हो जाते हैं और अगर विश्वास ना हो तो अपने भी पराए हो जाते हैं।
॥ यकीन और दुआ नजर नही आते मगर, नामुमकिन को मुमकिन बना देते है॥
कभी किसी के जज्बातों का मजाक ना बनाना…. ना जाने कौन सा दर्द लेकर कोई जी रहा होगा..
कौन कहता है खामोशियां खामोश होती है जरूर इनमे कोई न कोई बात होती है इन्हें कभी गौर से सुन कर देखना क्या पता ये वह कह दे जिनकी आपको लफ्जों में तलाश होती है
माता पिता से बढ़कर जग में मेरा कोई भगवान नहीं , चूका पाऊँ जो उनका ऋण इतना मैं धनवान नहीं।
अच्छा दिल और अच्छा स्वभाव दोनो आवश्यक है, अच्छे दिल से कई रिश्ते बनेंगे और अच्छे स्वभाव से वो जीवन भर टिकेगे..
फूल कभी दो बार नहीं खिलते , जनम कभी दो बार नहीं मिलता , मिलने को तो हज़ारों लोग मिल जाते हैं पर हजारों गलतियां माफ़ करने वाले माँ बाप नहीं मिलते..
बुरे वक़त में ही सबके असली रंग दिखते हैं … दिन के उजाले में तो पानी भी चांदी लगता है।
मैं “किसी से” बेहतर करुं…क्या फर्क पड़ता है..!मै “किसी का” बेहतर करूं…बहुत फर्क पड़ता है..!!
दुनिया में जितनी अच्छी बातें हैं…सब कही जा चुकी हैं…बस उन पर अमल करना बाकी रह गया है॥
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आप जिस पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं, अक्सर वही आप की आँखें खोल जाता है।
उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती , बस इक माँ है जो मुझसे कभी खफा नहीं होती.
आशाएं ऐसी हो जो- मंज़िल तक ले जाएँ,मंज़िल ऐसी हो जो-जीवन जीना सीखा दे,जीवन ऐसा हो जो-संबंधों की कदर करे,और संबंध ऐसे हो जो-याद करने को मजबूर करदे
पराया धन होकर भी कभी पराई नही होती। शायद इसीलिए किसी बाप से हंसकर बेटी की, विदाई नही होती।।
छीन कर हाथो से सिगरेट वो कुछ इस अंदाज़ से बोली … कमी क्या है इन होठों में जो तुम Gold_Flake पे मरते हो।
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र; खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना!
पराया धन होकर भी कभी पराई नही होती। शायद इसीलिए किसी बाप से हंसकर बेटी की, विदाई नही होती।।
करेगा ज़माना भी हमारी कदर एक दिन , बस ये वफादारी की आदत छूट जाने दो
जैसे ही भय आपके करीब आये , उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा महोल्ला, जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में.. बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है 2 वक़्त की रोटी कमाने में..।
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग… पर किसी ने मेरे पैरों के छाले नहीं देखे…!
खामोशियाँ ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं…!!
आज कल शरीफ केवल वही लोग हैं जिनके मोबाईल में password नही होता हैं।
बहुत अज़ीब होती है ये यादें भी मोहब्बत की..जिन पलों में हम रोए थे,उन्हें याद करके हमें हसीं आती है…और जिन पलों में हसें थे ..उन्हें याद करके रोना आता है॥
दूसरों को छोटा कर के खुद बड़ा बनने की कोशिश न करें।
हमारी सही सोच एक नकारात्मक विचार को सकारात्मक विचार में बदल कटी हैं!!
जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो,एक जान है जब दिल चाहें मांग लेना..
तीन चीजें जादा देर तक नहीं छुप सकती, सूरज चंद्रमा और सत्य
तुम कहो या ना कहो…तकाज़े सब बयां कर देते हैं…फिर चाहें बेरुखी हो या मोहब्बत !!
प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है..ये आप ही के कर्मों से आती है
ये दुनिया है तेज़ धूप, पर वो तो बस छाँव होती हैं | स्नेह से सजी, ममता से भरी, माँ तो बस माँ होती हैं ||
भूखा पेट, खाली जेब, और झूठा प्रेम – इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है॥
रोज स्टेटस बदलने से जिंन्दगी नहीं बदलती,जिंदगी को बदलने के लिये एक स्टेटस काफी है..!!
क्या ओकात है तेरी ए जिन्दगी …चार दिन की मोहब्बत तुझे बरबाद कर देती है..
चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा,या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा !
दीवाने लोग मेरी कलम चूम रहे है..तुम मेरी शायरी में वो असर छोड़ गई हो
बुरा वक्त तो सबका आता है, इसमें कोई बिखर जाता है और कोई निखर जाता है .
अब हैरान नही होता अगर किसी का दिल टुटजाये.. अब तो चौक जाता हुँ किसी के प्यार कि कामयाबी पर…
रिश्ते बर्फ के गोले की तरह होते हैं,जिन्हे बनाना तो सरल है लेकिन बनाए रखना काफी कठिन होता है
ऐ जिंदगी तू हँस ले मेरे जीने के अंदाज़ पे,वो दिन भी आएगा जब तू संवारेगी मुझे ।।
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है..मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की.
बड़ी मुस्किल से सीखा है खुश रहना उन के बगैर अब सुना है ये बात भी उन्हे परेशांन करती है॥
सब पूछते है मुझसे मौहब्बत है क्या ? मुस्करा देता हूँ मैं और याद आ जाती है माँ ।
रेत पर नाम कभी लिखते नहीं,रेत पर नाम कभी टिकते नहीं,लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं,लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं।
हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं,तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है…
लोगो से कह दो हमारी तकदीर से जलना छोड़ दे। हम घर से दवा नही ‘माँ की दुआ’ लेकर निकलते है।
“क्या लिखूँ , अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों , वो लोग ही बिछड़ गए , जो जिंदगी हुआ करते थे” !!
बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।
दर्द जब मीठा लगने लगे तो समझ जाइये आपने जीना सीख लिया।
करो कुछ ऐसा दोस्ती में की ‘Thanks & Sorry’ words बे-ईमान लगे..निभाओ यारी ऐसे के ‘यार को छोड़ना मुश्किल’ और दुनिया छोड़ना आसान लगे…
गलत कहते है लोग कि संगत का असर होता है,वो बरसो मेरे साथ रही, मगर फिर भी बेवफा निकली..!
मुस्कुराने के बहाने जल्दी खोजो वरना,जिन्दगी रुलाने के मौके तलाश लेगी
कितना मुश्किल हे मोहबत की कहानी लिखना,जेसे पानी से पानी पर पानी लिखना ।
किसी को गीता में ज्ञान न मिला, किसी को कुरान में ईमान न मिला। उस बंदे को आसमान में क्या रब मिलेगा जिसे इंसान में इंसान न मिला।
“लफ्ज् दिल से निकलते हैं दिमाग से तो मतलब निकलते है.”
तेरे इश्क से मिली है मेरे वजूद को ये शौहरत ,मेरा ज़िक्र ही कहाँ था तेरी दास्ताँ से पहले।
गिद्ध भी कहीं चले गए लगता है उन्होंने देख लिया कि,इंसान हमसे अच्छा नोंचता है।
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद , दूसरा सपना देखने के हौसले को ‘ज़िंदगी’ कहते हैं॥
गलती सुधरने का मौका तो उसी दिन से मिलना बंद हो गया था ,जिस दिन हाथ में पेंसिल की जगह पेन थमा दिया गया था |
अब शिकायतेँ तुम से नहीँ खुद से है.. माना के सारे झूठ तेरे थे.. लेकिन उन पर यकिन तो मेरा था!!
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय । ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से….या तो दोनों आते हैं …. या कोई नहीं आता !!
फुर्सत नहीं है इन्सान को घर से मन्दिर तक जाने की..!ख्वाहिश रखता है श्मशान से सीधे स्वर्ग जाने की…!!!!
अन्धकार समस्या नही है, दीपक जलाने के हमारे प्रयासों का अभाव ही समस्या है ।
यूँ तो हम दुश्मनों के काफिलों से भी सर उठा के गुजर जाते थे,खौफ तो अक्सर अपनों की गलियों से गुजरने में लगता है…!
स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करो यह बनेगा नहीं, और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो यह टूटेगा नहीं।
कमाल का ताना देती है वो अक्सर मुझे, कि लिखते तो खूब हो.. समझा भी दिया करो !!!!
दूध का सार है मलाई मे और जिंदगी का सार है भलाई में :)
खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती, तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती
सोया तो था में जिंदगी को अलविदा कह कर दोस्तों,किसी की बे-पनाह दुआओ ने मुझे फिर से जगा दिया..
बेटी को जिसने मरवा दिया था पत्नी के कोख में,मोहल्ले में लडकिया ढूँढ रहा है नवरात्रे के कन्या भोज में।।।
ना चाहते हुए भी आ जाता है, लबो पर नाम तेरा..!कभी तेरी तारीफों में…. तो कभी तेरी शिकायत मे…
अगर लोग केवल जरुरत पर ही आपको याद करते है तो बुरा मत मानिये बल्कि गर्व कीजिये क्योंकि “मोमबत्ती की याद तभी आती है, जब अंधकार होता है।”
इतना खुश रहो के साला गम बी कहे गलती से मे यहा कहा आ गया।….
“इश्क” का धंधा ही बंघ कर दिया साहेब।…. मुनाफे में “जेब” जले.. और घाटे में “दिल”..
अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो तरीके बदलो, ईरादे नही..
करोड़ों में नीलाम होता है एक नेता का उतारा हुआ सूट,कचरे में फेक देते हैं शहीदों की वर्दी और बूट
न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….वो लम्हे, जो छुपाकर रखे थे जीने के लिए…
बड़ा आदमी वो होता है जिस से मिलने के बाद आदमी खुद को छोटा ना समझे।
सदैव अपनी छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश करें क्योंकि मनुष्य पहाड़ों से नहीं बल्कि छोटे पत्थरों से ठोकर खाता है…!!!
जब तक किस्मत का सिक्का हवा में है, तब खुद के बारे में फैसला कर लो क्योंकि जब वो नीचे आएगा तब अपना फैसला खुद सुनाएगा
दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,क्योकी दोस्ती जरा सी नादान होती है..
इतना भी मत घुमा ऐ जिन्दगी मै शहर का शायर हु कोई MRF का टायर नही
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,यहाँ से ज़िंदा बचकर कोई नही जायेगा!
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त; वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!
ना तेरे आने कि खुशी ना तेरे जाने का गम,वो जमाना गया जब तेरे दीवाने थे हम
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो दोस्तो..!! रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!! ✌️
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त; वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!
ना तेरे आने कि खुशी ना तेरे जाने का गम,वो जमाना गया जब तेरे दीवाने थे हम।
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो दोस्तो..!! रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!! ✌️
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी…! वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है…!
हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते हैं !समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते हैं !!
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!
रिश्ता हो तो रूह से रूह का हो, दिल तो अक्सर एक दूसरे से भर जाया करते हैं….
तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर दो, फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले…
जिस नगर भी जाओ.. किस्से हैं कमबख्त बीवी के.. कोई ला के रो रहा है.. तो कोई लाने के लिए रो रहा है…
भूख रिश्तों को भी लगती है.. प्यार परोस कर तो देखिये..!
खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो. मांगती तो खून ही है….!!
न कहा करो हर बार की हम छोड़ देंगे तुमको, न हम इतने आम हैं, न ये तेरे बस की बात है…!!
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो ,वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं….!!
दुश्मन बनाने के लिए ज़रूरी नही लड़ा जाए! आप थोड़े कामयाब हो जाओ तो वो ख़ैरात में मिलेंगे …
ना सलाम याद रखना ना पैगाम याद रखना।छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।
तज़ुर्बा है मेरा…. मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,संगमरमर पर तो हमने …..पाँव फिसलते देखे हैं…!
हम शतरंज नही खेलते, क्योंकि दुश्मनों की हमारे सामने बैठने कि औकात नही और दोस्तो के खिलाफ़ हम चाल नही चलते
इक महेबूब लापरवाह इक महोबत बेपनाह दोनो काफी हे सूकून बरबाद करने को!!
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी, एक मै हूँ और एक दोस्ती तेरी…
कुछ अलग करना है तो जरा भीड़ से हटकर चलो.. भीड़ साहस तो देती है, लेकिन पहचान छीन लेती है ।
मसरूफ़ थे सब अपनी ज़िन्दगी की उलझनों में.. जरा सी ज़मीन हिली, सबको खुदा याद आने लगा.. :(
तेरी याद से ही शुरू होती है मेरी हर सुबह..
वक़्त भी लेता है करवटे कैसी कैसी.. इतनी तो उम्र भी नहीं थी जितने हमने सबक सीख लिए…
हर फैसले होते नहीं, सिक्के उछाल कर.. यह दिल के मामले है.. जरा संभल कर!!
बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें, तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं
परिसथिति एक ऐसी चीज है जो इऩसान को सबकुछ सीखा देती है, बचपन मे ही बड़ा बना देती है।
कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की.. अच्छे कपड़े तो बेजान पुतलो को भी पहनाये जाते है..।।
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर, रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…
आज रोटी के पीछे भागता हूँ तो याद आता है, मुझेरोटी खिलाने के लिए कभी माँ मेरे पीछे भागती थी
दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो जनाब, मालूम तो मुझे भी है के हम आपको अच्छे नही लगते…
इंसान को बोलना सीखने में दो साल लग जाते हैं लेकिन, क्या बोलना है, यह सीखने में पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है..
बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें, तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं
परिसथिति एक ऐसी चीज है जो इऩसान को सबकुछ सीखा देती है, बचपन मे ही बड़ा बना देती है।
तेरी दुआओ का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला.. मुहबबत उन्ही को मिलती है जिन्हे निभानी नही आती..
जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो तो फिर पीछे मुड़कर मत देखना क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते।
एक उड़ते हुए गुब्बारे पे क्या खूब लिखा था, “वो जो बाहर है वह नहीं, वह जो भीतर है वही आपको ऊपर ले जाता है!”
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में; फर्क होता है किस्मत और लकीर में; अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना; कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।
इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी, चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया ।
लोग कहते है दुःख बुरा होता हे जब आता है रूलाता है, हम कहते है दुःख अच्छा होता है, जब आता है कुछ नया सिखाता जाता है
ये मत कहो ख़ुदा से मेरी मुश्किले बड़ी हैं, ये मुश्किलों से कह दो मेरा ख़ुदा बड़ा है।।।।
किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों, छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!
मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी, कम्बख़त जो भी उस से मिलता है, उसी का हो जाता है ।
कईं रोज से कोई नया जखम न दिया पता करो सनम ठीक तो है न !!
आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर……अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता।
चेहरे “अजनबी” हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन रवैये “अजनबी” हो जाये तो बडी “तकलीफ” देते हैं !
दुआ कभी खाली नही जाती, बस लोग इंतजार नही करते..
कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की.. अच्छे कपड़े तो बेजान पुतलो को भी पहनाये जाते है..।।
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर, रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…
मुस्कुराहट, तबस्सुम, हँसी, कहकहे , सब के सब खो गए, हम बड़े हो गए !
बेजुबां पत्थरों पर लदे पड़े हैं करोड़ो के गहने मंदिरों में। उस देहलीज़ पे 1 रुपये के लिए नन्हे हाथों को तरसते देखा है।
कैसे कह दूं की महंगाई बहुत है। मेरे शहर के चौराहे पर आज भी एक रूपये मे कई दुआएँ मिलती है।।
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां, ना नफरत की वजह मिल रही है, ना मोहब्बत का सिला.
दुनिया है छोटी, हम है मुसाफ़िर, कहीं न कहीं तो फिर से मुलाकात होगी.:)
लफ्ज मेरी पहचान बने तो बेहतर है, चेहरे का क्या वो तो साथ चला जाएगा..
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